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サマリー
あらすじ・解説
हिन्दुस्तान शिखर समागम के मंच पर अपने संघर्ष की दास्तां सुनाते हुए एथलीट खुशबू गुप्ता रो पड़ीं। उन्होंने कहा कि हम लोग आठ बहनें हैं। कभी-कभी पांच सौ रुपये का भी धंधा नहीं होता है। कोई साथ नहीं देते हैं। यह कहते ही वह रो पड़ीं। इसके बाद मंच से तीन लोगों ने आर्थिक मदद का ऐलान भी किया।