Ishq Banarasi (Hindi Edition)
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ナレーター:
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Sunny Kumar
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Zareen
このコンテンツについて
बनारस वो साज़ है जिसके हर सुर में एक कहानी है। लेकिन ये कहानी थोड़ी अलग है। इसमें समाहित है बनारस का चटपटा स्वाद, उसके बहुरंगी अनजाने खान-पान, और वो प्राचीन गली-मुहल्लों का इतिहास जो तमाम पर्यटक बनारस आकर भी न जान पाते हैं, न ही देख पाते हैं।
कहानी है सूरज और स्वीटी की। स्वीटी का परिवार रहता है बनारस के सबसे पुराने पक्का महाल मुहल्ले में। उनकी चौराहे पर ही लस्सी और ठंडई की दुकान है। वहीं सूरज का परिवार चौसट्टी घाट का निवासी है और ये परिवार दशासमेध घाट पर फूल और माला बेचता है।
फूल बेचते-बेचते सूरज मिठाई, तैराकी, सिनेमा और विदेशी पर्यटकों को घुमाने का शौकीन बन गया है। इधर पापा के लस्सी की दुकान पर ख़ाना ले जाते-जाते स्वीटी गोलगप्पे-चाट, बनारसी मखनिया उत्तपम से इश्क़ कर बैठी है। एक दिन नाटी इमली में काशी का प्रसिद्ध भरत मिलाप का मेला चल रहा है। दूर-दूर से लोग उसे देखने आए हैं। उसी मेले में लड़के और लड़की के परिवार टकरा जाते हैं। दोनों के दुकानदार गार्जियन दुआ-सलाम करते हैं। लेकिन सूरज और स्वीटी न एक-दूसरे का नाम जान पाते हैं न ही बात कर पाते हैं। बस एक-दूसरे को देख लेते हैं। सूरज के दिल में स्वीटी के इश्क़ की घंटी बजती है ओर सूरज मन ही मन वो गाना गुनगुनाने लगता है, ‘तुझे अपना बनाने की कसम खाई है, खाई है।’
लेकिन कैसे? बस यहीं से दौड़ शुरू होती है।
सूरज और स्वीटी कच्ची उम्र के बावजूद दुकान औऱ प्रेम को कैसे सम्भालते हैं और कैसे टीन एज की स्टीरियोटाइप लव स्टोरीज के बीच एक आदर्श प्रस्तुत करते हैं- यही इस खट्टी-मीठी प्रेम की मासूम-सी बनारसी दुनिया का एक अनकहा क़िस्सा है।
Please note: This audiobook is in Hindi.
©2023 Atul Kumar Rai (P)2024 Audible Originals, LLC.