• AAPAS KI BAAT Part 1 | MILLI AUR MALKIN

  • 2022/04/28
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AAPAS KI BAAT Part 1 | MILLI AUR MALKIN

  • サマリー

  • एक अरसे पहले प्रसिद्ध रूसी लेखक एंटोन चेकोव ने कुछ बहुत ही ख़ूबसूरत कहानियाँ लिखीं, इन कहानियों में हास्य के  साथ साथ  शोषण के बारे में भी एक महत्वपूर्ण संदेश था । जानेमाने, अनुभवी नाटककार, रंगमन्च और सिनेमा के अभिनेता और निर्देशक, दिनेश ठाकुर ने इन कहानियों को एक मनोरंजक नाटक आपस की बात के  नाम से रूपांतरित और प्रस्तुत किया ।   लेखक बड़े ही  दिलचस्प और अनौपचारिक अंदाज़ मे अपने ज़ेहन मे अनेक कहानियों के बीच चल रही दव्नद को ज़ाहिर करता है और उनमें से चार कहानियों को अपने दर्शकों के लिए, सभी पात्रों सहित, एक नाटक के रूप में प्रस्तुत करता है। ये पात्र समाज के अलग अलग वर्गों और स्तरों से संबंध रखते हैं और उनकी  परिस्थितियां भी एक दूसरे से जुदा हैं।   जहाँ पहली कहानी ‘मिली और माल्किन’ में, गुरबत मे पली मिली, माल्किन के रवैये को लेकर अपनी तनखा पाने के लिए चिंतित है, वहीं दूसरी कहानी ‘औरतों को फँसाने वाला आदमी’ में, सुमित रीता को अपने इश्ख के जाल मे फसाने के लिए उसके  ही पति निखिल का इस्तमाल कर रहा है! तीसरी कहानी, ‘पानी में डूबने वाला आदमी’ में, समुद्र तट पर टेहल रहे लेखक को.  एक अनोखा आदमी मिलता है, जो ख़ुद समुद्र में डूबकर लेखक का मनोरंजन करना चाह्ता है- यही उसकी कमाई का ज़रिया है!  तो चौथी कहानी ‘एक दिन बैंक में’ में,  कुछ रूपये वसूलने के लिए, एक दिन एक त्रस्त  महिला बैंक में घुस आती है और सब कुछ अस्तवयस्त हो जाता है!   ये कहानियाँ मज़ेदार और हास्यपूर्ण तो हैं ही, साथ ही समाज मे हो रहे शोषण के बारे में एक प्रखर जागरूकता भी लाती हैं। कभी कभी ये समझना मुश्किल हो जाता है कि शोषक कब शोषित बन जात है और शोषित कब शोषक हो जाता है या फिर क्या हम सब शोषक है और किसी न किसी स्तर पर हम सभी का शोषण हो रहा है? Long ago, Anton Chekov, a famous Russian writer wrote some beautiful stories. They were comic stories but conveyed an important message about exploitation. Well-known, veteran Playwright, Theatre and cinema actor, and Director, Dinesh Thakur adapted and presented these stories as an enjoyable play called AAPAS  KI  BAAT. In an entertaining, informal chat the writer talks about the various stories fighting for space in his mind and presents four of them to us, his audience, as a play with a full cast of characters.The characters belong to different classes and levels of society and are placed in very different situations. In the first story, MILLI AUR MALKIN,  the mistress talks down to her maid Milli while in the second story,  AURTON KO PHASANEWALA AADMI, Sumit tries to woo  Reeta, the object of his desire through her own husband Nikhil! In the third story, PAANI ME DOOBNEWALA AADMI,  a random guy appears on the beach, attempting to sell his unique brand of entertainment to the writer by drowning himself in the sea. In the fourth story, EK DIN BANK MEIN, another random woman just enters a Bank looking to extort some money ...
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あらすじ・解説

एक अरसे पहले प्रसिद्ध रूसी लेखक एंटोन चेकोव ने कुछ बहुत ही ख़ूबसूरत कहानियाँ लिखीं, इन कहानियों में हास्य के  साथ साथ  शोषण के बारे में भी एक महत्वपूर्ण संदेश था । जानेमाने, अनुभवी नाटककार, रंगमन्च और सिनेमा के अभिनेता और निर्देशक, दिनेश ठाकुर ने इन कहानियों को एक मनोरंजक नाटक आपस की बात के  नाम से रूपांतरित और प्रस्तुत किया ।   लेखक बड़े ही  दिलचस्प और अनौपचारिक अंदाज़ मे अपने ज़ेहन मे अनेक कहानियों के बीच चल रही दव्नद को ज़ाहिर करता है और उनमें से चार कहानियों को अपने दर्शकों के लिए, सभी पात्रों सहित, एक नाटक के रूप में प्रस्तुत करता है। ये पात्र समाज के अलग अलग वर्गों और स्तरों से संबंध रखते हैं और उनकी  परिस्थितियां भी एक दूसरे से जुदा हैं।   जहाँ पहली कहानी ‘मिली और माल्किन’ में, गुरबत मे पली मिली, माल्किन के रवैये को लेकर अपनी तनखा पाने के लिए चिंतित है, वहीं दूसरी कहानी ‘औरतों को फँसाने वाला आदमी’ में, सुमित रीता को अपने इश्ख के जाल मे फसाने के लिए उसके  ही पति निखिल का इस्तमाल कर रहा है! तीसरी कहानी, ‘पानी में डूबने वाला आदमी’ में, समुद्र तट पर टेहल रहे लेखक को.  एक अनोखा आदमी मिलता है, जो ख़ुद समुद्र में डूबकर लेखक का मनोरंजन करना चाह्ता है- यही उसकी कमाई का ज़रिया है!  तो चौथी कहानी ‘एक दिन बैंक में’ में,  कुछ रूपये वसूलने के लिए, एक दिन एक त्रस्त  महिला बैंक में घुस आती है और सब कुछ अस्तवयस्त हो जाता है!   ये कहानियाँ मज़ेदार और हास्यपूर्ण तो हैं ही, साथ ही समाज मे हो रहे शोषण के बारे में एक प्रखर जागरूकता भी लाती हैं। कभी कभी ये समझना मुश्किल हो जाता है कि शोषक कब शोषित बन जात है और शोषित कब शोषक हो जाता है या फिर क्या हम सब शोषक है और किसी न किसी स्तर पर हम सभी का शोषण हो रहा है? Long ago, Anton Chekov, a famous Russian writer wrote some beautiful stories. They were comic stories but conveyed an important message about exploitation. Well-known, veteran Playwright, Theatre and cinema actor, and Director, Dinesh Thakur adapted and presented these stories as an enjoyable play called AAPAS  KI  BAAT. In an entertaining, informal chat the writer talks about the various stories fighting for space in his mind and presents four of them to us, his audience, as a play with a full cast of characters.The characters belong to different classes and levels of society and are placed in very different situations. In the first story, MILLI AUR MALKIN,  the mistress talks down to her maid Milli while in the second story,  AURTON KO PHASANEWALA AADMI, Sumit tries to woo  Reeta, the object of his desire through her own husband Nikhil! In the third story, PAANI ME DOOBNEWALA AADMI,  a random guy appears on the beach, attempting to sell his unique brand of entertainment to the writer by drowning himself in the sea. In the fourth story, EK DIN BANK MEIN, another random woman just enters a Bank looking to extort some money ...

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