Bharat Ke Pradhanmantri [Prime Minister of India]
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ナレーター:
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Kamal Sharma
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著者:
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Rashid Kidwai
このコンテンツについて
प्रधानमंत्रियों की सफलताओं और विफलताओं की रौशनी में यह किताब भारतीय लोकतंत्र की विकास-यात्रा को रेखांकित करती है जिसमें उसकी उपलब्धियाँ और चुनौतियाँ, दोनों दर्ज हैं। देश जब स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब 'भारत के प्रधानमंत्री' किताब एक जरूरी उपहार की तरह है। इसे हर भारतीय नागरिक को पढ़ना चाहिए। सोशल मीडिया के दौर में भ्रामक सूचनाओं का प्रसार चरम पर है। ऐसे में यह किताब स्वतंत्र भारत के क्रमिक नेतृत्व और विकास का वास्तविक लेखाजोखा पेश करती है। तकनीक और संचार के अभूतपूर्व विस्तार तथा राजनीति में लोगों की बेहिसाब दिलचस्पी के मेल से हैरतअंगेज नतीजे सामने आए हैं।
इसका एक चिन्ताजनक पहलू है—इतिहास के निर्माताओं, समाज के नेतृत्वकर्ताओं और उनके कार्यों के बारे में सचाई से परे मनगढ़ंत बातों का बड़े पैमाने पर प्रसार। यह स्थिति आम जनता को भ्रमित करती है। उन्हें अपने देश और समाज की वास्तविकता से दूर करती है, सही और तथ्यसंगत राय बनाने में अक्षम बनाती है। ऐसे में भारत के सभी प्रधानमंत्रियों के व्यक्तित्व, कार्यो, नीतियों और उनके प्रभावों पर केन्द्रित इस किताब का महत्त्व असंदिग्ध है। आजादी के 75वें साल में प्रकाशित यह पुस्तक पहले प्रधानमंत्री से लेकर वर्तमान प्रधानमंत्री तक, हमारे शीर्ष नेतृत्वकर्ताओं के विचारों और कार्यों का तटस्थ मूल्यांकन करती है। एक लोकतंत्र के रूप में भारत की प्रगति और उसके रास्ते में खड़े अवरोधों के बारे में भी सोचने का सूत्र देती है। व्हाट्सएप्प यूनिवर्सिटी के दौर में यह किताब तथ्यपरक ढंग से बतलाती है कि जब कभी देश के विकास की जरूरतों पर शीर्षस्थ नेतृत्व की राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा हावी हुई, तब भारतीय लोकतंत्र प्रभावित हुआ।
Please note: This audiobook is in Hindi.
©2023 Rashid Kidwai (P)2023 Storyside IN