Deewan-E-Mir [Divan of Mir]
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ナレーター:
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Fauzia Dastango
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著者:
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Mir Taqi Mir
このコンテンツについて
मीर तक़ी मीर भारतीय कविता के उन बड़े नामों में से हैं, जिन्होंने लोगों के दिलो-दिमाग़ में स्थान बनाया हुआ है। अपनी शायरी को दर्द और ग़म का मज़मूआ बताते हुए मीर ने यह भी कहा है कि मेरी शायरी ख़ास लोगों की पसन्द की ज़रूर है, लेकिन 'मुझे गुफ़्तगू अवाम से है।' और अवाम से उनकी यह गुफ़्तगू इश्क की हद तक है। इसलिए उनकी इश्किया शायरी भी उर्दू शायरी के परम्परागत चौखटे में नहीं अँट पाती। इन्सानों से प्यार करके ही वे ख़ुदा तक पहुँचने की बात करते हैं, जिससे इस राह में मुल्ला-पंडितों की भी कोई भूमिका नज़र नहीं आती। यही नहीं, मीर की अनेक ग़ज़लों में उनके समय की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थितियों तथा व्यक्ति और समाज की आपसी टकराहटों को भी साफ़ तौर पर रेखांकित किया जा सकता है, जो उन्हें आज और भी अधिक प्रासंगिक बनाती हैं। दरअसल मीर की शायरी भारतीय कविता, ख़ास कर हिन्दी-उर्दू की साझी सांस्कृतिक विरासत का सबसे बड़ा सबूत है, जो उनकी रचनाओं के लोकोन्मुख कथ्य और आम-फहम गंगा-जमुनी भाषायी अंदाज़ में अपनी पूरी कलात्मक ऊँचाई के साथ मौजूद है।
Please note: This audiobook is in Hindi.
©2021 Mir Taqi Mir (P)2021 Storyside IN