• Episode 6 - One Night Stand
    2024/09/17
    परिचित गंध को अपरिचित शरीर में ढूंढने की जद्दोजहद
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    3 分
  • Episode 5 - भूखे आदमी की फ़िक्र
    2024/09/11
    मेरे लिए कभी किसी का पानी आंखों से उतर कर मट्टी में नहीं समाया। अगर समाया होता तो मैं उसे ढूंढ लेता हर उस कण में जहां उसके मिलने की उम्मीद होती और उसे बाहर खींचने में त्याग देता अपनी भी आंख का खारा पानी।
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    3 分
  • Episode 4 - इस ख़्याल को रुक जाना चाहिए
    2024/09/10
    कुछ लोग ख्यालों को दबाना सीख चुके हैं, वे लोग उदास हैं। कुछ ने अभी नहीं सीखा है, वे जल्दी में हैं, उन्हें उनके ख्याल से भी पहले कहीं पहुंचना है।
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    3 分
  • Episode 3 - तुम irrelevant हो
    2024/09/10
    जैसे ये शरीर की सुई थी, वैसी ही क्या कोई सिरेंज मन को टटोलने के लिए मिलती है? क्या मन की परतों में कोई सुई घुसाई जा सकती है और उसका हाल पता किया जा सकता है? क्या मन को कोई गोली देकर भटकाया जा सकता है, ख़ुश किया जा सकता है, कुछ भूलने को विवश किया जा सकता है। बात न मानने पर क्या मन की बाँह मरोड़ी जा सकती है या उसे चांटा लगाया जा सकता है?
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    4 分
  • Midlife Crisis
    2024/09/04
    एक ख़्याल जब हम उसे ढूंढने की कोशिश करते हैं, जिससे हमनें प्यार किया था
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    3 分
  • दीवार की तरफ़
    2024/08/28
    मैं इंतज़ार में था एक सुन्दर सुबह के, जब लगभग सब कुछ सुन्दर ही दिखाई दे। ऐसी सुबह कई बार आती-आती रह गई। फिर धीरे-धीरे मैंने उसकी चाहना ही छोड़ दी। मैं डूब गया कुहरे से सनी सुबहों में, धूसर दिनों में और रातों की कालिख़ में। मुझे मिलते रहे मेरे जैसे लुटे-पिटे लोग, 'जो सुन्दर सुबह हो सकती है इस सम्भावना से आज़ाद हो चुके थे।' हम साथ बैठ कर बात करते, साथ काम करते, साथ खाते-पीते पर उस सुन्दर सुबह का ज़िक्र करने से बचते। असल में हम सुंदरता से घबराने वाले लोग थे। हम वो लोग थे कि जब जीवन में प्रेम ख़ुद चल कर आता है तो भी हम संशय करते कि 'ऐसा हमारे साथ कैसे?'
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    3 分