• 5. प्रारब्ध और दैवीय चुनाव के सिद्धांत की भ्रामकता (रोमियों ८:२८-३०)

  • 2022/12/08
  • 再生時間: 1 時間 26 分
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5. प्रारब्ध और दैवीय चुनाव के सिद्धांत की भ्रामकता (रोमियों ८:२८-३०)

  • サマリー

  • प्रारब्ध और दैवीय चुनाव का सिध्धांत, जिसके आधार पर मसीही सिध्धांत का निर्माण हुआ है, उसने कई लोगो को जो यीशु पर विश्वास करना चाहते है उनको भ्रमित किया है। यह भ्रमित करने वाले सिद्धांत ही ज्यादा भ्रम का कारण हैं।
    भ्रमित धर्मविज्ञान वाले प्रारब्ध के विषय में कहते हैं कि परमेश्वर जिन्हें प्रेम करते हैं, उन्हें उसने चुन लिया है। लेकिन जो इसका इन्कार करते हैं उन्हें वह नापसंद करता है। इसका मतलब है कि कुछ लोग जिन्होंने पानी और आत्मा से नया जन्म पाया है, वे चुने गए हैं और उन्हें स्वर्ग में स्वीकार किया जाता है जबकि दूसरे जो चुने नहीं गए हैं, वे नरक में जलने के लिए चुने गए हैं।

     

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あらすじ・解説

प्रारब्ध और दैवीय चुनाव का सिध्धांत, जिसके आधार पर मसीही सिध्धांत का निर्माण हुआ है, उसने कई लोगो को जो यीशु पर विश्वास करना चाहते है उनको भ्रमित किया है। यह भ्रमित करने वाले सिद्धांत ही ज्यादा भ्रम का कारण हैं।
भ्रमित धर्मविज्ञान वाले प्रारब्ध के विषय में कहते हैं कि परमेश्वर जिन्हें प्रेम करते हैं, उन्हें उसने चुन लिया है। लेकिन जो इसका इन्कार करते हैं उन्हें वह नापसंद करता है। इसका मतलब है कि कुछ लोग जिन्होंने पानी और आत्मा से नया जन्म पाया है, वे चुने गए हैं और उन्हें स्वर्ग में स्वीकार किया जाता है जबकि दूसरे जो चुने नहीं गए हैं, वे नरक में जलने के लिए चुने गए हैं।

 

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