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サマリー
あらすじ・解説
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
कहा जाता है कि आरती के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। आरती के बाद ही पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
कुंज बिहारीजी की आरती भी एक ऐसे पावन आरती है जो शंख, घंटी और करतल बजाते हुए परिवार के साथ भक्ति के साथ गाई जाती है | भगवान श्री कृष्ण के साथ देवी राधा का यह आरती गीत वातावरण को आनंदित करता है। आइये सुनते है आरती कुंजबिहारी की।