• Chapter 1, Shloka 4,5,6 / अध्याय १ - श्लोक 4,5,6

  • 2021/01/05
  • 再生時間: 8 分
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Chapter 1, Shloka 4,5,6 / अध्याय १ - श्लोक 4,5,6

  • サマリー

  • अत्र शूरा महेष्वासा भीमार्जुनसमा युधि।

    युयुधानो विराटश्च द्रुपदश्च महारथः।।1.4।।

    धृष्टकेतुश्चेकितानः काशिराजश्च वीर्यवान्।

    पुरुजित्कुन्तिभोजश्च शैब्यश्च नरपुङ्गवः।।1.5।।

    युधामन्युश्च विक्रान्त उत्तमौजाश्च वीर्यवान्।

    सौभद्रो द्रौपदेयाश्च सर्व एव महारथाः।।1.6।।

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あらすじ・解説

अत्र शूरा महेष्वासा भीमार्जुनसमा युधि।

युयुधानो विराटश्च द्रुपदश्च महारथः।।1.4।।

धृष्टकेतुश्चेकितानः काशिराजश्च वीर्यवान्।

पुरुजित्कुन्तिभोजश्च शैब्यश्च नरपुङ्गवः।।1.5।।

युधामन्युश्च विक्रान्त उत्तमौजाश्च वीर्यवान्।

सौभद्रो द्रौपदेयाश्च सर्व एव महारथाः।।1.6।।

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