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サマリー
あらすじ・解説
ईश्वर की अपरिवर्तनीयता
नंबर 1
सब्त की सुबह, 7 जनवरी, 1855 को दिया गया उपदेश
रेव. सी. एच. स्पर्जन द्वारा
न्यू पार्क स्ट्रीट चैपल, साउथवार्क में
“मैं यहोवा हूँ, मैं बदलता नहीं; इसलिए हे याकूब के पुत्रों, तुम नष्ट नहीं हो सकते
ईश्वर की अपरिवर्तनीयता
नंबर 1
सब्त की सुबह, 7 जनवरी, 1855 को दिया गया उपदेश
रेव. सी. एच. स्पर्जन द्वारा
न्यू पार्क स्ट्रीट चैपल, साउथवार्क में
“मैं यहोवा हूँ, मैं बदलता नहीं; इसलिए हे याकूब के पुत्रों, तुम नष्ट नहीं हो सकते